Thursday, December 16, 2010

चल चलते हैं उस पार सनम

चल चलते हैं उस पार सनम
जहाँ लहरों की ख़ामोशी हों

जहाँ सांसों की मदहोशी हों
जहाँ जज्बों की बेहोशी हों

जहाँ आँखों से सरगोशी हों
चल चलते हैं उस पार सनम

इक नयी आस लगाने को
इक दिल की आग बुझाने को

इक दूजे  में खो जाने को
इक पल के नाम हो जाने को

चल चलते हैं उस पार सनम

जहाँ आसान सारी राहें हों
जहाँ इक दूजे की बाहें हों

जहाँ लब पे सर्द सी आहें हों
जहाँ प्यार की कुछ पनाहें हों

चल चलते हैं उस पार सनम