Friday, November 12, 2010

फ़ायदा.............

भूलने  वाले  से  कोई  कह  दे  ज़रा ,
इस  तरह  याद  आने  से  क्या  फ़ायदा,

जब  मेरे  दिल  की  दुनिया  बसाती  नहीं ,
फिर  ख्यालों  में  आने  से  क्या 
फ़ायदा .

क्या  कहूं  आपसे  कितनी  उमीदें  थी ,
आप  क्या  बदले  दुनिया  बदल  सी  गयी .

आसरा  दे  के  दिल  तोड़  देते  हैं  मेरा ,
इस  तरह  सताने  से  क्या 
फ़ायदा .

चार  तिनके  जला  के  क्या  मिल  गया ,
मिट  सका  ना  ज़माने  से  मेरा  निशाँ .

मुझपे  बिजली  गिराओ  तो  जानू  सही ,
आशिआने  पर  गिराने  से  क्या  फैदा .

" रोये हैं बुहत "

रोये  हैं  बहुत  तब  ज़रा  करार  मिला  है
इस  जहाँ  में  किसे  भला  साचा  प्यार  मिला  है
गुज़र  रही  है  ज़िन्दगी  इम्तेहान  की  दौर  से
एक  ख़तम  हुआ  तो  दूसरा  तैयार  मिला  है
मेरे  दामान  को  खुशियों  का  नहीं  मलाल
ग़म  का  खज़ाना  जो  इसको  बेशुमार  मिला  है
वो  कमनसीब  हैं  जिन्हें  महबूब  मिल  गया
मैं  खुशनसीब  हु  मुझे  इंतज़ार  मिल  गया
ग़म  नहीं  मुझे  की  दुश्मन  हुआ  यह  ज़माना
जब  दोस्त  हाथो में  लिए  तलवार  मिला  है
सब  कुछ  खुदा  ने  तुम  को  भला  कैसे दे  दिया
मुझे  तो  उसके  दर  से  सिर्फ  इनकार  ही  मिला  है

!!!Dil Ki Baat Zaban Tak Lana!!!

Dil Ki Baat Zaban Tak Lana Kitna Mushkil Hai
Halay Dil Auroon Ko Sunana Kitna Mushkil Hai
Aik Humain Hai Teri Chahat,Aik Dunya Ki Majbori
Beech Samandar Diya Jalana Kitna Mushkil Hai
Tum Dunya Ki Shedai Ho,Main Sapnoon Ka Bashinda
Sath Humain Yuhn Tera Nibhana Kitna Mushkil Hai
Aik Naye Dunya Ki Chahat Lay Aye Hai Kitni Dor
Wapis Laut K Ghar Ko Jana Kitna Mushkil Hai
Wehshat K Saaz Pay Raksaan Matam K Kuch Alfaaz
In Hontoon Pay Geet Sajana Kitna Mushkil Hai
Apnay Hontoon Say Ana K Talay Hum Say Na Khol Payen Gain
Dor Hotay Sathi Ko Bholna Mitna Mushkil Hai
Ab Tu Har Aik Hi Hum Ko Dard Ka Mara Lagta Hai
Apnay Zakham Logon Ko Dekhana Kitna Mushkil Hai
Roz Muhj Say Aik Naye Tamana Karta Hai Yeh Mera Dil
Is Nadaan Bachay Ko Samjhana Kitna Mushkil Hai
Hum Ankhoon Say Kehnay Walay Tum Hontoon Ko Sunanay Walay
Apni Chahat Yuhn Tumhain Batana Kitna Mushkil Hai

तेरा नाम

मेरे शीशे के दिल पे ,
तूने बेवफ़ाई का पत्थर दे मारा ,
अरमानों के टुकड़े हो गये हज़ार ,
हर टुकड़े पे लिखा है बस तेरा नाम !
रात भर तेरे इंतेज़ार में ,
मैं दीये सा जलता रहा ,
परवाने से पूछ लेना की ,
कैसे रात भर मैं लेता रहा बस तेरा नाम
राह में तेरी मैं कब से ,
पलकें बिछाए बैठा रहा ,
इंतज़ार की इंतेहाँ तक हो गयी ,
हर सांस पे लेता रहा बस तेरा नाम !
तू शमा सी जलती रही ,
मैंने परवाने सा प्यार किया ,
जल कर राख तक हो गया ,
उसी राख से लिख गया हूँ बस तेरा नाम !
तेरा हर इनकार मुझे  ,
शूल सा चुभता रहा ,
जख्म अब नासूर हो गये है
फिर भी हर आहः पे लेता रहा बस तेरा नाम !
तुझसे प्यार करने का
जुर्म मुझसे हो गया ,
सज़ा में रुसवाई की क़ैद मिली मुझे,
अब एक -एक दिन कटता है लेकर बस तेरा नाम !