Friday, November 12, 2010

फ़ायदा.............

भूलने  वाले  से  कोई  कह  दे  ज़रा ,
इस  तरह  याद  आने  से  क्या  फ़ायदा,

जब  मेरे  दिल  की  दुनिया  बसाती  नहीं ,
फिर  ख्यालों  में  आने  से  क्या 
फ़ायदा .

क्या  कहूं  आपसे  कितनी  उमीदें  थी ,
आप  क्या  बदले  दुनिया  बदल  सी  गयी .

आसरा  दे  के  दिल  तोड़  देते  हैं  मेरा ,
इस  तरह  सताने  से  क्या 
फ़ायदा .

चार  तिनके  जला  के  क्या  मिल  गया ,
मिट  सका  ना  ज़माने  से  मेरा  निशाँ .

मुझपे  बिजली  गिराओ  तो  जानू  सही ,
आशिआने  पर  गिराने  से  क्या  फैदा .

3 comments: