चल चलते हैं उस पार सनम
जहाँ लहरों की ख़ामोशी हों
जहाँ सांसों की मदहोशी हों
जहाँ जज्बों की बेहोशी हों
जहाँ आँखों से सरगोशी हों
चल चलते हैं उस पार सनम
इक नयी आस लगाने को
इक दिल की आग बुझाने को
इक दूजे में खो जाने को
इक पल के नाम हो जाने को
चल चलते हैं उस पार सनम
जहाँ आसान सारी राहें हों
जहाँ इक दूजे की बाहें हों
जहाँ लब पे सर्द सी आहें हों
जहाँ प्यार की कुछ पनाहें हों
चल चलते हैं उस पार सनम
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