Monday, January 24, 2011

लिख दो.........

एक  बार  कर  के  ऐतबार  लिख  दो 

कितना  है  मुझ  से  प्यार  लिख  दो 

कटती  नहीं  या  ज़िन्दगी  अब  तरे बिना 

कितना  और  करों  इन्तिज़ार  लिख  दो 

तरस  रहे  हैं  बड़ी  मुद्दत  से 

इस  बार  अपनी  मुहब्बत  का  इज़हार  लिख  दो 

दीवानी  हों  जाये  पर  कर  हम 

कुछ  ऐसे   तुम  मरे  यार  लिख  दो 

ज़ादा  नहीं  लिख  सकते  तो  न  लिखो  तुम 

मुहब्बत  भरे  लफ्ज़  दो  चार  लिख  दो 

एक  बार  लिखो  मुहब्बत  हाय  तुम  से 

फिर  यही  जुमला  बार  बार  लिख  दो 

No comments:

Post a Comment