मुझे अपने बदन की खुसबू से मशरुर कर दो
मुझे अपनी नाज़ुक बाँहों में मशरुर कर दो
सीने से लगा का सारे ग़म दूर कर दो
मैं तुमसे जुदा न हो पाऊँ इतना मजबूर कर दो
लेके बाहों में तुझे होटों से इतना चूम लू
फासले शर्म -ओ-हया के तुम भी दूर कर दो
मेरी नस नस में बस जाये जान प्यार तेरा
मैं किसी और को न देखूं इतना मगरूर कर दो
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