Monday, September 6, 2010

खुदा का नाम देते हैं

लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते हैं ।
कोई करता है तो इल्जाम देते हैं ।
आँसू में ना ढूढना हमें, दिल मैं हम बस जाएँगे, 
तमन्ना हो अगर मिलने की, तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे. 
लम्हा लम्हा वक़्त गुजर जाएँगा, चँद लम्हो मैं दामन छूट जाएगा, 
आज वक़्त है दो बातें कर लो हमसे, कल क्या पता कौन आपके ज़िंदगी मैं आ जाएगा. 
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं, 
दिल का दर्द किसे दिखाएँ, मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं, 
वक़्त तो हूमें भुला चुका है, मुक़द्दर भी ना भुला दे, 
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते, क्यूंकि डरते हैं,
कोई फिर से ना रुला दे, ज़िंदगी मैं हमेशा नये लोग मिलेंगे, 
कहीं ज्यादा तो कहीं कम मिलेंगे, ऐतबार ज़रा सोच कर करना, 
मुमकिन नही हर जगह तुम्हे हम मिलेंगे. खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाएँगे, 
धड़कन बन कर दिल मे उतर जाएँगे, महसूस करने की कोशिश तो कीजिए, 
दूर होते हो भी पास नजर आएँगे !

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